बरसात का माैसम जहां गर्मी से राहत पहुंचाता है वहीं कर्इ संक्रामक राेग भी साथ लाता है।इस माैसम में हमें अपनी सेहत का
का खास ध्यान रखना चाहिए। खासकार आंखाें की देखभाल इस मौसम में बेहद जरूरी है। बरसात में बिना डॉक्टरी राय के कोई दवा या आईड्रॉप प्रयोग में न लें। इससे मोतियाबिंद, ग्लूकोमा की आशंका बढ़ सकती है।आइए जानते मानसून में आंखाें में हाेने वाले राेग आैर सावधानी ( Eye Care in Monsoon ) के बारे में :-
मानसून में आंख संबंधी रोग कौनसे होते हैं?
आंखों के संक्रमण जैसे- कंजक्टिवाइटिस ( Conjunctivitis ) , आई फ्लू ( Eye Flu ), कॉर्नियल अल्सर ( Corneal ulcer ) व ड्राई आई ( Dry Eye ) जैसे रोग ज्यादा होते हैं। इस मौसम की शुरुआत में वातावरण में फैली हुई सल्फर डाईऑक्साइड जैसी गैस पानी में मिलकर एसिड रेन बनाती है। इसलिए शुरुआती बारिश में भीगने से बचें।
कंजक्टिवाइटिस कैसे फैलता है?
कंजक्टिवाइटिस ( Conjunctivitis ) आंखों में गंदे हाथ लगाने, संक्रमित रुमाल, तौलिया या दवा के प्रयोग से फैलता है। बिना नेत्र रोग विशेषज्ञ की राय के स्टेरॉयड ड्रॉप लेने पर ग्लूकोमा, मोतियाबिंद या कॉर्नियल अल्सर हो सकता है।
इस मौसम में क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
बाहर से आते ही गंदे हाथ धोएं। अपनी दवा, कॉन्टेक्ट लैंस का सॉल्यूशन या कंटेनर, रूमाल-तौलिया आदि अन्य किसी को प्रयोग न करने दें। आंखों में संक्रमण ( Eye Infection ) होने पर कॉन्टेक्ट लैंस न लगाएं व न ही आंखों का मेकअप करें। यदि स्विमिंग पूल का पानी गंदा लगे तो ऐसे पूल में स्विमिंग करने से बचें। ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त चीजें व हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं।
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