डेज़ी-मे दिमित्री की उम्र महज नौ साल है लेकिन उनकी कहानी को जानने के बाद हर कोई उनके जज्बे की प्रशंसा किए बिना नहीं रह पाता। दरअसल डेज़ी को जन्म के समय से ही फाइब्यूलर हेमिमेलिया नाम की दुर्लभ बीमारी थी जिसके चलते उनके दोनों पांव की हड्डियां विकसित ही नहीं हुईं। 18 महीने की होने पर उन्हें दोनों पांव में प्रोस्थेटिक पांव (कृत्रिम अंग) लगाने पड़े। तब से वे इसी के सहारे चलती हैं। लेकिन डेज़ी ने अपनी शारीरिक कमजोरी को कभी अपने सपनों के रास्ते में नहीं आने दिया। उनके इस जज्बे से प्रभावित होकर 'लुलु एट गीगी कोट्यूर' ने उन्हें 5 से 13 सितंबर के बीच न्यूयॉर्क शहर में आयोजित फैशन वीक में रैम्प वॉक करने के लिए आमंत्रित किया। संस्था की नींव रखने वाले डिजायनर एनी हेजिडस-ब्यूरॉन फ्रेंच फैशन से प्रेरित बच्चों के कपड़ों को रैम्प पर पेश करने के लिए जाने जाते हैं। बीते पांस चालों से संस्था किड्स फैशन वीक में डेज़ी जैसे विशेष बच्चों को रैम्प पर चलने का अवसर देती आ रही है। एनी का कहना है कि खूबसूरती अंदर से आती है और हम बच्चों को अवसर देकर लोगों को उनकी प्रतिभा से रुबरु करवाना चहते हैं।
डेज़ी के पिता एलेक्स दिमित्री ने कहा कि वह हमेशा जिंदगी को बहुत पॉजिटिव होकर जीती है जो उन्हें भी हिम्मत देता है। उसे गाना, डांस करना और रैम्प वॉक करना बेहद पसंद है। 8 सितंबर को जब वे रैम्प पर चलीं तो उनके आत्मविश्वास और स्टाइल ने सभी को उनके हौसले की तारीफ करने के लिए विवश कर दिया। डेज़ी बीते 18 महीने से मॉडलिंग कर रही हैं। वे ब्रिटेन के कई अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के लिए मॉडलिंग कर चुकी हैं। उनके जज्बे के कारण 'प्राइड ऑफ बर्मिंघम अवॉड्र्स' के तहत उन्हें 'चाइल्ड ऑफ करेज' कहकर बुलाया जाता है। उनके आत्मविश्वास से अन्य लोगों को भी जीवन में अपने सपनों को पूरा करने की प्रेरणा मिल रही है।
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