Beauty Tips: मानसून में स्किन केयर सबसे इम्पोर्टेट फैक्टर होता है। हमारे देश में मानसून सीजन भी हॉट ही होता है, क्योंकि जब बरसात होती है तब ठंडक और जब नहीं होती तो उमस के साथ गर्मी। हवाओं में ह्यूमिडिटी और उमस के कारण पसीना नहीं सूख पाता और चिपचिपापन बना रहता है। स्किन की कई प्रॉब्लम्स सामने आती हैं। स्किन ऑइली हो जाती है इसलिए ऑइल कंट्रोल करना भी जरूरी होता है। पसीने के चिपचिपेपन से राहत के लिए इस सीजन में कुछ खास तरह के स्पा कारगर होते हैं।
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वोडा स्पा से मिलेगी राहत
स्पा ट्रीट की निक्की बावा ने बताया रैनी सीजन में वोडा स्पा बेहतर होता है। वोडा स्पा रेड वाइन से किया जाता है। रेड वाइन न केवल एक्स्ट्रा ऑइल को कंट्रोल करती है, बल्कि कॉम्प्लेक्शन भी फेयर करती है। वोडा स्पा से वेंस में से फैट रिडयूस होता है और ब्लड सरक्यूलेशन भी तेज होता है। इसके जरिये मानसून सीजन में पसीने और चिपचिपाहट से मैक्सिमम रिलैक्सेशन मिलेगा।
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राइस एंड कोकोनट स्क्रब
इस सीजन में चेहरे पर पिम्पल्स या बारीक फुंसियों की प्रॉब्लम आम होती है। इससे बचने के लिए चेहरे की प्रॉपर सफाई जरूरी है। इसके लिए राइस स्क्रब फायदेमंद होता है। राइस स्क्रब चावल को दरदरा पीस कर बनाया जाता है। कोकोनट स्क्रब नारियल को कद्दूकस कर उसमें मिल्क पाउडर मिलाकर बनाया जाता है। ये दोनों स्क्रब सीजन की परेशानियों से राहत दिलाएंगे। कोकोनट स्किन को एक्स्ट्रा नरिशमेंट के साथ ही ग्लो भी देगा।
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हर्बल थेरेपी भी कारगर
लवाना स्पा के जय तिवारी ने बताया मॉनसून सीजन में हर्बल थेरेपी भी कारगर होती है। इसमें चंदन स्पर्श थेरेपी पसीने की समस्या से निजात दिलाएगी। चंदन पूरी बॉडी पर कूल इफेक्ट देगा और पसीने की स्मैल से मुक्ति भी मिलेगी। इसके साथ ही नीम, हल्दी और तुलसी का लेप भी बेहतर है। नीम, हल्दी और तुलसी के एंटीबैक्टीरियल गुण बारिश के सीजन में होने वाली स्किन प्रॉब्ल्म्स में फायदा देंगे। इन तीनों के लेप के बाद एक शॅावर लेना होगा और इसके बाद ऑइल थेरेपी का यूज किया जाएगा, जिसमें ऑलिव और जैस्मिन ऑइल का इस्तेमाल किया जाता है।
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