Holi Skin Care Tips in Hindi: कभी-कभी होली की मस्ती आपकी त्वचा, बाल और आंखों काे नुकसान पहुंचा देती है। क्याेंकि होली के रंगों में सिंथेटिक डाई मिली होती है। इसी प्रकार गुलाल भी मिट्टी में बनता है। ये त्वचा की ऊपरी सतह को नष्ट करके कीटाणुओं के लिए उपयुक्त बना देता है। ये कीटाणु त्वचा को जला देते हैं। जिससे स्किन में एलर्जी होती है, खुजली होने लगती है, त्वचा पर लाल दाने हो जाते हैं और पानी निकलने लगता है। बालों को काफी नुकसान होता है उनकी जड़ें नष्ट हो जाती हैं और वे झड़ने लगते हैं। इन रंगों से आंखों में एलर्जी और इंफेक्शन भी हो सकता है। आइए जानते हैं इन समस्याओं से निपटने के उपायों के बारे में
रंगों के इन दुष्प्रभावों से कैसे बचा जा सकता है ?
बाजार में वेजिटेबल डाई उपलब्ध हैं। यह थोड़ी महंगी होती हैं। टेसू के फूलों का रंग और अरारोट के गुलाल का प्रयोग कर इन दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।
बचाव के लिए घरेलू उपाय क्या किए जा सकते हैं?
घर से बाहर निकलने और रंग लगाने से पहले शरीर पर अच्छी तरह तेल लगा लें। सूखी त्वचा पर एलर्जी और इंफेक्शन ज्यादा होता है। तेल से त्वचा पर प्रोटेक्टिव परत बन जाती है व रंग त्वचा तक नहीं पहुंच पाते। तेल से सिंथेटिक डाई प्रभावहीन हो जाती है।
शरीर से होली के रंगों को किस प्रकार छुड़ाया जाए?
रंगों को हटाने के लिए अधिक मात्रा में साबुन का प्रयोग ना करें। रंगों को छुड़ाने के लिए मिट्टी के तेल का प्रयोग करने से त्वचा के जलने का खतरा और बढ़ जाता है। रंगों को छुड़ाने के लिए कम केमिकल वाले ग्लिसरिन युक्त साबुन का प्रयोग करें। यदि रंग लगने से त्वचा पर कोई एलर्जी, दाने या धब्बे हो जाएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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