तिल का तेल -
तिल विटामिन ए व ई से भरपूर होता है। तिल के हल्के गर्म तेल को त्वचा पर लगाने से निखार आता है। इस तेल की सिर में मालिश करने से बाल लंबे होते हैं। तिल के तेल में थोड़ा सोंठ पाउडर व एक चुटकी हींग पाउडर डालकर गर्म कर लें। ठंडा होने पर इस मिश्रण से मालिश करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
राई का तेल -
इस मौसम में बच्चों की मालिश राई के तेल से करने से निमोनिया व सर्दी के अन्य रोगों में लाभ मिलता है।
नारियल का तेल -
नारियल के तेल में कर्पूर मिलाकर त्वचा पर लगाने से दाद, खाज, खुजली की परेशानियां दूर होती हैं। त्वचा के जलने पर नारियल का तेल लगाने से निशान नहीं पड़ते।
मूंगफली का तेल -
यह तेल खाने में स्वादिष्ट और पचने में हल्का होता है। इससे शरीर को प्रोटीन मिलता है। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम कर हृदय रोगों से बचाता है। जोड़ों के दर्द में इस तेल की मालिश से लाभ होता है।
सरसों का तेल -
खाने के अलावा सरसों के तेल की मालिश रक्तसंचार बढ़ाने व थकान दूर करने में उपयोगी है। नवजात शिशु एवं प्रसूता की मालिश इस तेल से कर सकते हैं। सरसों के तेल से पैरों के तलवों की मालिश करने से थकान दूर होती है और एड़ियां नहीं फटतीं। सर्दी के दिनों में नहाने से पहले हाथ-पैरों पर इस तेल की मालिश करने से खुश्की की समस्या नहीं रहती है।
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