प्रदूषण के कारण स्किन रोगों से जुड़ी समस्याएं बढ़ रही हैं। हर उम्र के लोग चर्म रोगों से परेशान हैं। इसमें अधिकतर बीमारियां जानकारी के अभाव में होती हैं। ऐसे विकार या संक्रमण जो मानव त्वचा को प्रभावित करते हैं, उन्हें चर्म रोग कहा जाता है। चर्म रोग (त्वचा विकार) के लक्षणों और गंभीरता में काफी भिन्नताएं हैं। यह अस्थायी या स्थायी होने के साथ ही दर्द रहित या दर्दयुक्त दोनों ही तरह के हो सकते हैं। बाजार में मिलने वाली क्रीम में स्टेरॉयड होता है जो इंफेक्शन को थोड़े समय तक दबा देते हैं लेकिन ठीक नहीं करते। अपने मन से कोई दवा न लें।
स्किन से संबंधिक कुछ रोग ऐसे होते हैं जो रोग पसीने के कारण होते हैं। जैसे जांघ और बगल आदि में पसीना जमा होने के कारण गंदगी और फंगस (फफूंद) पनपने लगते हैं। शुरुआत में वहां कालापन, लालपन, फुंसियां या फिर चकत्ते हो जाते हैं। इसके बाद खुजली, एलर्जी जलन की समस्या होने लगती हैं। पसीने से घमोरियां या फोड़े-फुंसी भी हो सकते हैं। पसीने वाली जगह को सूखा रखें और वहां बार-बार पाउडर आदि लगाते रहें।
हेयर कलर कराने वाले लोगों को स्किन डिजीज और सन एलर्जी का खतरा ज्यादा होता है । थायरॉयड में स्किन रुखी और पतली हो जाती है। हेयर कलर में पैराफिनायल डायमीन तत्त्व होता है इससे भी धूप से एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है। स्किन पर लाल चकत्ते पड़ते हैं और खुजली होती है। धूप से बचाव करें। धूप में मौजूद अल्ट्रावायलेट किरणों और प्रदूषण से एलर्जी होना सबसे आम समस्या है। इससे त्वचा पर झुर्रियां जल्दी आने लगती हैं और चेहरे की चमक भी चली जाती है । धूप में निकलने से पहले धूप से बचाव के उपाय अपनाएं। पानी खूब पीएं। साफ कपड़े पहनें। सुबह-शाम स्नान करें। दूसरों के कपड़े न पहनें।
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