साबुन और शैंपू का इस्तेमाल -
हफ्ते में कम से कम दो बार बालों की सफाई जरूर करें। रूसी की समस्या होने पर एंटी डैंड्रफ शैंपू का प्रयोग करें। नहाने के लिए ग्लिसरिन युक्त साबुन का प्रयोग करें। गर्म पानी के बजाय हल्के गुनगुने या सामान्य पानी से नहाएं।
मालिश है जरूरी -
नहाने से पहले सरसों के तेल को हल्का गुनगुना कर शरीर की मालिश करें। नहाने के बाद भी सरसों का तेल लगाया जा सकता है। जिन लोगों को सरसों का तेल पसंद नहीं वे ऑलिव ऑयल (जैतून) या तिल्ली का तेल (शरीर के लिए) भी प्रयोग कर सकते हैं। ठंडी हवाएं बालों का नेचुरल ऑयल कम कर देती हैं इसलिए हफ्ते में 3-4 बार बालों में तेल जरूर लगाएं।
रखें साफ-सफाई का खास ध्यान -
इस मौसम में लोग अक्सर नहाने से बचते हैं। शरीर और बालों की साफ-सफाई का ध्यान भी कम रखते हैं। जिस वजह से शरीर रोगों का घर बन जाता है। कफ और कोल्ड होने पर भी कुछ लोग नहाने से परहेज करते हैं, उन्हें लगता है कि इससे बीमारी और बढ़ जाएगी। ये धारणा गलत है। रोजाना नहाने के साथ ही बाल, चेहरे, हाथ-पैर और दांतों की सफाई का खास खयाल रखना चाहिए।
त्वचा रहेगी कोमल -
गुलाबजल में ग्लिसरिन मिलाकर लगाने से त्वचा कोमल बनती है। सोने से पहले हाथ, पैर, चेहरे और होंठों पर मॉइश्चराइजर या कोल्डक्रीम जरूर लगाएं। इनका प्रयोग दिन में दो बार कर सकते हैं। रूखी त्वचा होने पर नारियल का तेल हल्का गर्म करके लगाएंं।
धूप लें लेकिन संभलकर -
धूप विटामिन 'डी' का बेहतरीन स्रोत है। धूप से हमें 90 प्रतिशत विटामिन 'डी' मिलता है। इसका मतलब ये नहीं कि आप दिनभर धूप में ही बैठे रहें। रोजाना आधे से एक घंटे धूप सेंकना काफी होता है। कोशिश करें कि दोपहर के बजाय सुबह की धूप लें। सुबह 8-10 बजे की धूप ज्यादा फायदेमंद होती है।
कॉटन-वुलन की ड्रेस -
ज्यादा ठंड सुबह व शाम को लगती है इसलिए इस दौरान शरीर को पूरी तरह ऊनी कपड़ों से कवर करके रखना चाहिए। दोपहर में हल्के गर्म कपड़े पहन सकते हैं। अगर आपको स्वेटर पहनकर सोने की आदत है तो ऊनी कपड़ों के अंदर सूती कपड़े जरूर पहनें।
खानपान -
सर्दी के दिनों में आने वाले फल व सब्जियां त्वचा की सेहत के लिए काफी उपयोगी होती हैं। इस मौसम में ऐसी कई चीजें आती हैं जिन्हें आप सलाद के रूप में खा सकते हैं जैसे मूली, गाजर, पत्तागोभी आदि। टमाटर हमारी स्किन के लिए काफी अच्छा होता है। इसे आप सब्जी बनाकर, सूप या सलाद किसी भी रूप में खा सकते हैं।
जिन लोगों को चिलब्लेन (ठंड के कारण हाथ-पैर की अंगुलियों में नीले-लाल चकते पडऩा, त्वचा गलने लगना आदि) की दिक्कत हो, उन्हें सर्द हवाओं के संपर्क में आने से बचना चाहिए। हाथ-पैरों को गर्म दस्तानों और मोजों से ढंककर रखें व सर्दी-जुकाम आदि होने पर डॉक्टरी परामर्श से ही दवाइयां लें।
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